Saturday, November 5, 2011

Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya


Teri Bansi Pe Jau Balihaar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Bich Bazaar Meri Bahiya Pakadona
Maan Bhi Jao Kanha Aaise Jhatako Na
Aaise Jhatako Na, Aaise Jhatako Na
Loog Chugali Karenge 100-100 Baar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Teri Bansi Pe Jau Balihaar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Ood Ke Aau Kanha Peelii Chunariya
Peelii Chunariya, oh Peelii Chunariya
Naak Me Pahanu Kanha Piyari Nathuniya
Naak Me Pahanu Kanha Piyari Nathuniya
Dongi Payal Me to Jhankar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Teri Bansi Pe Jau Balihaar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Saas Laade Chhahe Laade Jithani
Balam Laade Chhahe Laade Divrani
Balam Laade Chhahe Laade Divrani
Me to Naachugi Gughat Khol Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Teri Bansi Pe Jau Balihaar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya


Jab Se Laagi Mohe Teri Laganaba
Teri Laganaba, haa Teri Laganaba
Bishar Gayo Mero Ghar Aur Aaganva
Me to Chood Aayi Saara Sansar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

Teri Bansi Pe Jau Balihaar Rasiya
Me to Nachhugi Bich Bazaar Rasiya

JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!!!!!!

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

Purnima ke anant chander mandalo ko lajjeet karne wali, Jo unse bhi aadhik shobhit hai, Jinki kripa Kataksh Anant Loko ko Pavittar Karne wali hai, vey Subh-Drishti wali Kirpa mayi Shri Radha Rani Hai, To Aaiye Shri Radha Rani Ke Naamo ka Guun Gaan Kare or unki kirpa prapt kare.

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol


Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

RADHE RADHE RADHE RADHE Radhe jai Shri Radhe

RADHE RADHE RADHE RADHE Radhe jai Shri Radhe

RADHE RADHE RADHE RADHE Radhe jai Shri Radhe
RADHE RADHE RADHE RADHE Radhe jai Shri Radhe


Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol


1. Shri Barsano Dhaam Rangilo- Shri Barsano Dhaam Rangilo-

Dhaam Rangilo Brij Dham Rangilo- Dhaam Rangilo Brij Dham Rangilo

Radhe Hai Anmol Ki Mukh Se RADHE RADHE Bol
Radhe Hai Anmol Ki Mukh Se RADHE RADHE Bol

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol


2. Brahma-Chal parvat maan Bhayo, Brahma-Chal parvat maan Bhayo,

Brahma-Chal parvat maan Bhayo, Brahma-Chal parvat maan Bhayo,

Radhe Karat Kilol Ki much se RADHE RADHE Bol
Radhe Karat Kilol Ki much se RADHE RADHE Bol

Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

3. Braj Ki Galian Mohan Khele, Braj Ki Galian Mohan Khele,

Mohan Khele Sawariya Khele, Mohan Khele Sawariya Khele,

Or Gwaalan Ko Toll ki much se RADHE RADHE Bol
Or Gwaalan Ko Toll ki much se RADHE RADHE Bol


Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol


4. Gehwar Vaan ki lata patan mai, Gehwar vaan ki lata patan mai
Gehwer Vaan ki lata patan mai, Gehwer vaan ki lata patan mai

Pakshi Bole RADHE RADHE bol ki much se RADHE RADHE bol
Pakshi Bole RADHE RADHE bol ki much se RADHE RADHE bol


Radhe Radhe Bol , Radhe Radhe Bol Barsane main doll ki mukh se Radhe Radhe Bol

JAI RADHE JAI KRISHNA.......!!!!!!!!!!
JAI HO VIRINDAVAN DHAM......!!!!!!!!!!
JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!!!!!!

Sri Radhe Gopal Bhaj Man Sri Radhe


Bah Aur Ki Aasha Kare Na Kare
Jise Aas Yasvi Hari Naam Kahe
Use Surag Se Mitra Prayojan Kya
Nit Baasi Jo Gokul Dham Ka Hai
Bas Sarthak Janam Usi Ka Yaha
Hare Krishna Jo Chahakar Shyam Ka Hai...!!!
Bina Krishna Ke Darshan Jag Me
Yah Jeevan Hi Kis Kaam Ka Hai....!!!!!!!!

Sri Radhe Gopal Bhaj Man Sri Radhe
Sri Radhe Jai Shyam Radhe

Radhe Shyam Rato Umariya Thodi Hai
Thodi Hai Pyare Thodi Hai
Radhe Shyam Ratoo Umariya Thodi Hai

JAI SRI RADHE KRISHNA....!!!!!!!

One Real Enemy......!!!!!‏

JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!

Aaj Jo Me Aapko...Aap Sabhi Logo Ke Sabase Bade Dusman Ke Baare Me Batane Ki Agya Cahuga...Bo Dusman Jo Hame Parmatma Se Milane Ko Rokta Hai...Jo Sabasi Badi Banda Hai.....!!!! Uske Baare Me Aapko Kuch Pankatiya Suna Raha Us Se Aap Samajhe

Man Se Bada Bahrupi Na Koi
Pal-Pal Rachita Swang Nirale
Maya-Mamta Me Uljha Rahe
Bo Jo Pad Jaye Man Ke Paale

Man Ke Bahkave Me Na
Man Raha Bhulaye Bhram Me Daale
Tu Iis Man Ka Daas Na Ban
Iis Man Ko Aapna Daas Bana Le

JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!!!

Kya Aap Sabhi ko Kisi aur Ki Chaha Hai.......!!!!!


JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!!!!!!

Jag Dosi Kahe Kitra Bhi Hame
Iisaki Ham Ko Paribha Nahi
Prabhu Prem Payog Adhyam Bada
Iis Me Sab Aate Tha Nahi

Hasate Hasate Yah Jeevan Hai
Par Mukh se Nikale Aaha Nahi
Hame Chaha Hai Sri Radhe Krishna Ke
Darshan Ki Hame Aur Kisi Ki Chaha Nahi

Kya Aap Sabhi ko Kisi aur Ki Chaha Hai.......!!!!!

JAI SRI RADHE KRISHNA......!!!!!!

Thursday, November 3, 2011

गोपाष्टमी एवं अक्षय नवमी

जो प्रणत होए मेरे ठाकुर को
वा करे विपिन को वास
और दीप जलें आनंद मिले
ऐसो या कार्तिक मास

पद्मपुराण और स्कन्दपुराण में श्री बांके बिहारी जी महाराज ने स्वयं कार्तिक के पवित्र मास के महात्म का बहुत ही सुंदर ढंग से विस्तार किया है. उन्होंने कहा है कि जो एक बार इस मास में ल्रभु को प्रणत हो जाता है, उसे प्रभु हमेशा अपने चरणों का दास बना लेते हैं. वैसे तो इस मास में भक्त अनेक नियम, व्रत आदि लेते हैं, परन्तु पद्मपुराण के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कार्तिक मास में केवल सूर्योदय से पहले स्नान कर ले तो उसे प्रत्येक तीर्थ में स्नान करने का फल प्राप्त होता है. प्रभु ने अपने बाल्यकाल में अनेक लीलाएं कार्तिक मास में ही की थीं. तो उखल बंधन लीला कार्तिक के इसी पवित्र मास में हुई थी. परभू माँ के प्रेम के बंधन में बांध गए थे. इसलिए इसे दामोदर मास भी कहा जाता है और ब्रज वासी ऐसा मानते है कि जो इस मास में प्रभु कि भक्ति करता है तो बिहारी जी उसके प्रेम के बंधन में भी बांध जाते हैं और यदि कोई शक्ति भगवन को बांध सकती है तो वेह है केवल भक्तो के आंसुओ कि धारा.

कार्तिक के इस पवित्र मास में प्रभु ने एक और भी बड़ी सुंदर लीला की थी. हम सब जानते है कि प्रभु को गौएँ बहुत प्रिय है. तो भक्तों हमारे कन्हैया कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पहली बार गौएँ चराने के लिए गौ चारण वन गए थे और उन्होंने वहाँ अपनी मुरली से गौओं को भी सम्मोहित कर दिया था. और इसी दिन को हमारे ब्रज में गोपाष्टमी के नाम से जाना जाता है.

गोपाष्टमी के ठीक अगले दिन अर्थार्थ कार्तिक शुक्ल नवमी को अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाता है. हमारे शास्त्रों ऐसा लिखा हुआ है कि त्रेता युग इसी दिन से प्रारंभ हुआ था. और इसी दिन सूर्य नारायण ने माँ दुर्गा कि उपासना की और उन्होंने माँ ने असंख्य उपहार भेंट में दिए जिन्हें हम आज सौर उर्जा के रूप में प्रयोग कर रहे हैं. अक्षय नवमी के दिन भक्त लोग मथुरा-वृन्दावन कि युगल परिक्रमा लगाते हैं. सूर्योदय के पूर्व उठकर सभी भक्त एवं रसिक श्री यमुना जी का स्नान करके परिक्रमा प्रारंभ करते हैं और ब्रज रज को अपने मस्तक से लगाकर नंगे पाँव संध्या तक परिक्रमा पूर्ण करके उसे बिहारी जी के श्री चरणों में समर्पित करते हैं. ब्रज रज को अपने मस्तक पर लगाने का एक अर्थ यह भी है कि आप आपने लिए मुक्ति के द्वार खोल रहे हैं क्यूंकि जब मुक्ति ने अपनी मुक्ति पूछी थी प्रभु से तो भगवन ने उसे भी यही कहा था कि ब्रज रज को अपने मस्तक पर लगाने से मुक्ति भी मुक्त हो जाती है.

वृन्दावन कि गलिन में मुक्ति पड़े बिलखाये
मुक्ति कहे गोपाल सों तू मेरी मुक्ति बताये
पड़ी रह्यो या गलियों में यहाँ पंथी आवे जाएँ
ब्रज-रज उड़ मस्तक लगे, तो मुक्ति मुक्त है जाये



तो भक्त जन इसी ब्रज-रज को अपने मस्तक पर लगाये हुए श्री धाम वृन्दावन के सभी प्रमुख स्थानों के दर्शन करते हुए मधु पूरी मथुरा में प्रवेश करते हैं. मथुरा में भी सर्व-प्रथम सब विश्राम-घाट पे यमुना जी का स्नान करते हैं और फ़िर मथुरा में मंदिरों के दर्शन करते हैं. अंत में जब सब ब्रज-रज से अपने शरीर को सुसज्जित कर लेते है, ब्रज-रज से अपना श्रृंगार करते हैं और वृन्दावन लौटते हैं और बाँके बिहारी जी को अपनी यात्रा समर्पित हैं. वैसे तो इस प्रथा के लिए अत्यंत बल और सहन शक्ति कि आवश्यकता होनी चाहिए परन्तु ऐसा देखा गया है कि मेरे ठाकुर जी कि कृपा से कमज़ोर दिखने वाले भक्त भी इस परिक्रमा को बड़ी सरलता से सम्पुर्ण कर लेते हैं.

भगवान के लिए यह संभव नहीं है कि वह अपने सब भक्तों को यह सौभाग्य दें कि वे वृन्दावन में आकर परिक्रमा लगाये. परन्तु यदि आप प्रभु को याद करते रहोगे तो भगवान भी आपके प्रेम से विवश होकर आपको बुला ही लेंगे.


आप सब पर राधा राणी अपनी दया बनाये रखे

प्रेम से कहिये
श्री राधे ! श्री राधे !! श्री राधे !! श्री राधे ! श्री राधे

जय श्री राधे कृष्ण........!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

"...........माँ..........." - "...........माँ..........."


"...........माँ..........." - "...........माँ..........."

१. ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आश्मां कहते हैं, जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं.......
२. बचपन में गोद देने वाली को बुढापे में दगा देने वाले मत बनना.......
३. जिन बेटों के जन्म पर माँ-बाप ने हंसी-खुशी पड़े बांटे..... वही बेटे जवान होकर कानाफूसी से माँ-बाप को बांटे...हाय ये केसी करुणता है!
४. माँ! पहले आंसू आते थे और तू याद आती थी. आज तू याद आती है और आंसू आते हैं.
५.माँ! कैसी हो...?" इतना ही पुच उसे मिल गया सब कुछ.....
६.मंगलसूत्र बेच कर भी तुम्हें बड़ा करने वाले माँ-बाप को ही घर से निकालने वाले ऐ नौजवान! तुम अपने जीवन में अमंगाल्सुत्र शुरू कर रहे हो....
७. माँ, तूने तीर्थंकरों को जना है, संसार तेरे ही दम से बना है, तू मेरी पूजा है, मन्नत है मेरी, तेरे ही क़दमों में जन्नत है मेरी.....
८. बटवारे के समय घर की हर चीज पाने के लिए झगडा करने वाले बेटे, दो चीजों के लिए उदार बनते हैं, जिनका नाम है माँ-बाप....
९. माता-पिता क्रोधी हैं, पख्य्पाती हैं, शंकाशील हैं ये साड़ी बातें बाद की हैं. पहली बात तो ये है की....वो माता-पिता हैं.
१०. घर में वृद्ध माँ-बाप से बोले नहीं, उनको संभाले नहीं और वृधाश्रम में दान करे, जीवदय में धन प्रदान करे उसे दयालु कहना....वो दया का अपमान है.
११. जो मस्ती आँखों में है मदिरालय में नहीं, अमीरी दिल की कोई महालय में नहीं, शीतलता पाने के लिए कहाँ भटकता है मानव! जो माँ की गोद में है, वह हिमालय में नहीं....!
१२. बचपन के आठ साल तुझे अंगुली पकड़ कर जो माँ-बाप स्कूल ले जाते थे, उन माँ-बाप को बुढ़ापे के आठ साल सहारा बन कर मंदिर ले जाना... शायद थोडा-सा तेरा क़र्ज़ थोडा-सा तेरा फ़र्ज़ पूरा होगा.
१३.माँ-बाप को सोने से ना मडो, तो चलेगा. हीरे से ना जड़ो, तो चलेगा. पर उनका जिगर जले और अन्दर आँसूं बहाए, यह कैसे चलेगा?
१४. जब छोटा था, तब माँ की शय्या गीली रखता था, अब बड़ा हुआ, तो माँ की आँखें गीली रखता है. हे पुत्र! तुझे माँ को गीलेपन में रखने की आदत हो गयी है...
१५. माँ-बाप की आँखों में दो बार आँसूं आते हैं, लड़की घर छोड़े तब....लड़का मुह मोड़े तब....
१६. माँ और माफ़ी दोनों एक हैं क्योंकि माफ़ करने में दोनों नेक हैं....
१७. कबूतर को दाना डालने वाला बेटा अगर माँ-बाप को दबाये तो...उसके दाने में कोई दम नहीं....
१८. माँ-बाप की सच्ची विरासत पैसा और प्रसाद नहीं, प्रमाणिकता और पवित्रता है....
१९. बचपन में जिसने तुम्हें पाला, बुढ़ापे में उसको तुमने नहीं संभाला तो याद रखो...तुम्हारे भाग्य में भड़केगी ज्वाला
२०. माँ-बाप को वृधाश्रम में रखने वाले ऐ नौजवान! तनिक सोच कि, उन्होंने तुम्हें अनाथश्रम में नहीं रखा, उस भूल की सजा तो नहीं दे रहा है ना.....
२१. ४ वर्ष का तेरा लाडला यदि तेरे प्रेम की प्यास रखे तो पचास वर्ष के तेरे माँ-बाप तेरे प्रेम की आस क्यों ना रखें...
२२. घर में माँ को रुलाये और मंदिर में माँ को चुंदरी ओधए... याद रख... मंदिर की माँ तुझ पर खुश तो नहीं...शायद khapha jarur hogi.....!!!!

श्रीमती मनोरमा देवी जी की याद में............!!!
प्रेम से बोलो जय श्री राधे कृष्णा