Saturday, October 8, 2011

गोवर्धन गिरधारी, के अब तो आ जाओ रे ।





गोवर्धन गिरधारी, के अब तो  जाओ रे  
हे मोहन मुरारी, के अब तो  जाओ रे 


भीड़ पड़ी भक्तन पर तब तब तुमने देह धरी।
पीर हरी दुखियन की तुम ने विपदा दूर करी ।।


पल छीन प्राण पुकारें,
ललन जी,  जाओ रे,
के जल्दी,  जाओ रे,
प्रभु जी,  जाओ रे 


हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे 
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे 

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