गोवर्धन गिरधारी, के अब तो आ जाओ रे ।
हे मोहन मुरारी, के अब तो आ जाओ रे ॥
भीड़ पड़ी भक्तन पर तब तब तुमने देह धरी।
हे मोहन मुरारी, के अब तो आ जाओ रे ॥
भीड़ पड़ी भक्तन पर तब तब तुमने देह धरी।
पीर हरी दुखियन की तुम ने विपदा दूर करी ।।
पल छीन प्राण पुकारें,
ललन जी, आ जाओ रे,
के जल्दी, आ जाओ रे,
प्रभु जी, आ जाओ रे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे ॥
के जल्दी, आ जाओ रे,
प्रभु जी, आ जाओ रे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे ॥
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